पालक की खेती से किसान अच्छा मुनाफा कमा रहे है। पालक एक पत्तेदार सब्जी होती है। और इसकी पुरे साल खेती की जा सकती हैं. पालक के पोषण मूल्य को ध्यान में रखते हुए पालक की खेती बड़े पैमाने पर करते है। पालक की सब्जियां विटामिन ए और सी के साथ-साथ प्रोटीन और कैल्शियम, खेती के लिए आयरन, फास्फोरस आदि जैसे खनिजों प्रदार्थ भी भरपूर मात्रा में पाए जाते है। पालक का प्रयोग सब्जी, सूप में किया जाता है। किसान इसकी खेरी से अच्छा खासी कमाई कर सकता है।
इस खेती में मौसम
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पालक की फसल बहुत कम समय में बहुत जल्दी तैयार हो जाती है. पालक को एक या दो महीने की भीषण गर्मी को छोड़कर पूरे वर्ष महाराष्ट्र में उगाया जाता हैं। ठंड के मौसम में पालक की उपज बढ़ जाती है और गुणवत्ता अच्छी रहती हैं. जैसे-जैसे तापमान बढ़ता है, इसकी फसल पर थोड़ा फर्क पड़ता है। ऑल ग्रीन, पूसा पालक, पूसा ज्योति एवं पूसा हरित इसकी उपयुक्त किस्में हैं.
पालक की खेती के लिए मिट्टी
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पालक को विभिन्न प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है. पालक नमकीन मिट्टी में भी अच्छी तरह से विकसित की जा सकती है। पालक को लवणीय भूमि में भी उगाया जा सकता है। जहाँ अन्य फसलें नहीं उग सकतीं. हालांकि, पालक की खेती के लिए हल्की दोमट मिट्टी करना भी लाभकारी होता है।
किस तरह करे यह खेती
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पालक की खेती में ज्यादा लागत नहीं लगती है। यह कम समय में ज्यादा मुनाफा देती है. बार पालक की बुवाई करें और उसी बुवाई से बार-बार पैसा कमा सकते है। पालक की 5-6 बार कटाई की जाती है. इसके बाद लगभग 10 से 15 दिनों में दोबारा कटाई करनी पड़ती है। वैसे तो पालक की खेती पूरे साल की जाती है, लेकिन अलग-अलग महीनों में इसकी बुवाई करनी जरुरी होता है। इस तरह किसान पालक की खेती से 10 महीने तक इस खेत्री से मुनाफा कमा सकता है।